अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हालिया झड़पों के बीच अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुतक्की ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कुछ विशेष हल्के हालात को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि पाकिस्तान की आम जनता और कई सियासी लोग अमन पसंद हैं. अफगानिस्तान ने साफ किया कि वह बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण समाधान चाहता है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो अपनी हिफाजत करना जानता है.
‘हम अच्छे रिश्ते चाहते हैं, लेकिन सरहदों की हिफाजत करेंगे’
मुतक्की ने कहा, ‘हम पाकिस्तान के साथ अच्छे ताल्लुकात चाहते हैं. पाकिस्तान की जनता और सियासी हल्के अमन पसंद हैं और अफगानिस्तान के साथ शांति चाहते हैं. लेकिन पाकिस्तान में कुछ खास हल्के हैं जो हालात को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान अपनी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहेगा. कल रात जो ऑपरेशन हुआ उसके बाद कतर और सऊदी अरब ने कहा कि जंग रुकनी चाहिए. हमारी तरफ से जंग रुक गई है. हम सभी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं और चाहते हैं कि सभी देश अपनी सीमाओं की हिफाजत करें.’
’40 साल की जंग के बाद आज अफगानिस्तान में शांति है’- मुतक्की
विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान ने दशकों की लड़ाई के बाद शांति स्थापित की है. उन्होंने कहा, ’40 साल तक हमने जंग देखी है. लेकिन आज अफगानिस्तान आजाद है और अपने पैरों पर खड़ा है. पिछले 4 साल में यहां कोई बड़ा वाकया नहीं हुआ है. सभी लोग एकजुट हैं और हमारी नीति ‘जीरो टेंशन पॉलिसी’ की है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम पहले बातचीत से हल चाहते हैं. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम अपनी हिफाजत करना जानते हैं.’
मानवाधिकारों के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में मर्द और औरत सभी के अधिकार सुरक्षित हैं. अगर किसी को कोई समस्या है तो वह सरकार के पास जा सकता है. चाहे मर्द हो या औरत, उस पर कोई पाबंदी नहीं है. 49 सालों में जो जुल्म हुए, हमने सबको माफ किया. जिन्होंने हमारे लोगों को मारा, उनकी लाशों को जलाया, उन्हें भी माफी दी- ताकि एहसास हो कि यह सबका वतन है.’
उन्होंने दावा किया कि इस्लामिक निजाम के तहत अब कोई भी चाहे बड़ा हो या छोटा जुल्म नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, ‘मैं खुद काबुल में मोटरसाइकिल से चलता हूं. आज ऐसा अमन है कि व्यापार को फायदा मिल रहा है और पड़ोसी देशों से व्यापारी आ रहे हैं.’
पाकिस्तान पर किए गए ऑपरेशन की पुष्टि
अफगान विदेश मंत्री ने बताया कि बीती रात अफगानिस्तान की ओर से एक ‘इंतकामी ऑपरेशन’ किया गया था. हमारे ऑपरेशन ने अपना लक्ष्य हासिल किया. हमने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि आम नागरिकों को कोई नुकसान न हो.
‘TTP का अफगानिस्तान में कोई अड्डा नहीं’
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘अफगानिस्तान में TTP का कोई मरकज नहीं है. हमारी कामयाबी से पहले जब पाकिस्तानी हुकूमत ने याबायली इलाकों में ऑपरेशन किया था तो कुछ कबाइली लोग अफगानिस्तान आए थे. लेकिन अफगानिस्तान में उनका कोई स्थायी अड्डा नहीं है.’ उन्होंने कहा कि अफगान-पाक सीमा (डूरंड लाइन) 2,500 किलोमीटर लंबी और दुर्गम पहाड़ी इलाका है. ‘इस इलाके को न चंगेज खान कंट्रोल कर पाया, न कोई और. अगर इसे कंट्रोल करना है तो नरमी और अमन से ही किया जा सकता है, ताकत से नहीं.’
‘पाकिस्तान को अपने अंदरूनी हालात सुधारने की जरूरत’
अफगान विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान तकनीकी रूप से आगे है, फिर भी वह अपने इलाकों में शांति स्थापित नहीं कर पा रहा. पाकिस्तान को अपने अंदर के हालात दुरुस्त करने की जरूरत है. हमारे पड़ोस में कई देश हैं लेकिन उनकी कोई शिकायत नहीं है.
#WATCH | Delhi | Afghanistan Foreign Minister Amir Khan Muttaqi says, “There is no presence of TTP in Afghanistan now. Even prior to our return to Kabul, the Pakistan military carried out operations in tribal areas that led to the displacement of a large number of people. The US… pic.twitter.com/BNwetAC9Bl
— ANI (@ANI) October 12, 2025
एंबेसी फ्लैग विवाद पर जवाब
एम्बेसी में झंडे के विवाद पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमने इसी झंडे के तहत जिहाद किया और कामयाबी हासिल की. इसलिए हमने यही झंडा लगाया है. घर का मालिक जानता है कि घर को कैसे संभालना है. अब अफगानिस्तान में हमारी सरकार का पूरा नियंत्रण है, पिछली सरकार का नहीं.’
भारत के साथ संबंधों पर बयान
भारत-तालिबान संबंधों पर उन्होंने कहा, ‘अभी तक भारत सरकार ने तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता नहीं दी है. लेकिन जैसे अफगानिस्तान में सबके लिए अमन है, वैसे ही भारत के लोगों और डिप्लोमैट्स के लिए भी सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी. पिछले चार सालों में भारत के साथ रिश्ते धीरे-धीरे बेहतर हो रहे हैं और नए डिप्लोमैट भेजे जाएंगे.’
























