चंडीगढ़। शहर समता काव्य मंच की चंडीगढ़ ट्राई सिटी इकाई की जिला अध्यक्ष नियुक्त होने पर प्रभजोत कौर जोत द्वारा आज 24 10 2024 को प्रथम महिला काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। त्योहारों की गहमा गहमी होते हुए भी सखियों ने अपना कीमती समय गोष्ठी को दिया ।गोष्ठी का शुभआरंभ दर्शन पाहवा द्वारा पेश की गई सरस्वती वंदना से हुआ। उन्होंने अपनी मनमोहक आवाज ने सभी का दिल जीत लिया।
मंच के संस्थापक उमेश श्रीवास्तव ने मंच के कार्यक्रमों और सफलताओं के बारे में जानकारी दी। इरादीप वशिष्ठ अतिथि, सुनीता गर्ग मुख्य अतिथि और सुमन दुग्गल ढींगरा अध्यक्ष के तौर पर हाजिर रहीं। गोष्ठी का संचालन नीलम नारंग ने बहुत सुंदर तरीके से किया ।
इसके पश्चात कवित्रियों ने अपनी अपनी रचनाओं से गोष्ठी को चार चांद लगा दिए
इरादीप त्रेहन ने “खुद पर नाज करना सीख “,नीरजा ने “हाउसवाइफ बनाम गूग”, बलजीत लुधियानवी ने “मेरी उंगली पकड़ चलना सिखाया पापा ने”l
सुमन दुग्गल ढींगरा “
सुनीता गर्ग “छुपे जज्बात यूं ही उन पे हम कुर्बान क्या करते” प्रभजोत कौर जोत “इस दिवाली आऊंगी घर तेरे” नीलम नारंग “मेरे आंसू मुझसे दगा करते रहे” उमेश श्रीवास्तव “मैं उस जनपथ का कवि हूं यहाँ पंत निराला रहते थे” कृष्ण गोयल “स्वदेशी से प्यार करो” दर्शना पाहवा “अवध में आए राम मंगल गीत गाउंगी” परमिंदर सोनी “कुछ लम्हे कुछ बीते लम्हों की छटाएं” सांत्वना वाजपेई ” मृगतृष्णा में जीने दो” रेनू अब्बी रेनू ” प्यार उनका संभाल पाया है,धड़कनों में करार आया है।
अफरोज़ अजीज “दिल के सोए ज़ख्मो को जगाने निकले।
आज फिर बज़्मे मोहब्बत को सजाने निकले।
सुमन दुग्गल ढींगरा ने गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए सभी की रचनाओं को सराहा और अपनी खूबसूरत आवाज में अपनी ग़ज़ल भी सुनाई ।
अंत में प्रभजोत कौर जोत ने सभी का धन्यवाद किया।




















